बहुत बार सुनने को मिलता है कि बाजार में Liquidity कम होने के कारण बाजार मंदी चल रहा है, या बाजार में Liquidity ज्यादा होने पर बाजार की हालत अच्छा है। तो अभी हम को समझना है की ऐसा क्यों होता है।
Liquidity क्या है?
Liquidity का हिंदी में मतलब होता है तरलता. सीधे सीधे शब्दों में कहा जाये तो Liquidity का तात्पर्य होता है आपके पास पड़ी हुई कोई भी संपत्ति (Asset) या Security को तुरंत नगड़ी (Cash) में परिवर्तित किया जाये बो भी उसके बाजार मूल्य को परिवर्तित किये बिना.
बाजार में Liquidity का महत्व क्या है?
बाजार में अगर Liquidity ज्यादा होता है तो इसका मतलब है की बाजार में Investor या Bank के पास Cash नगदी ज्यादा है. और नगदी ज्यादा होने पर Market में Investment ज्यादा कर सकता है, अपनी जरुरत के हिसाब से चीज़े ज़्यादा खरीदता है.
Bank कम interest पर ज्यादा Loan दे सकता है, जिससे आम आदमी घर खरीदता या गाड़ी खरीदता है. जिसके कारण से Market में trade ज्यादा होने पर market का हलात अच्छा होता है.
और ठीक इसका उल्टा होता है अगर बाजार में Liquidity कम हो तो. क्योंकि Liquidity कम होने पर लोगो के पास नगदी कम होता है, और खर्च भी कम करता है. साथ ही साथ Bank भी अपना interest rate बढ़ाता रहता है. जिसके कारन loan का interest rate ज्यादा होजाता है।
जिसके कारण Bank से Loan कम निकलता है, और market में पैसा कम circulate होता है, और जिसका सीधा सीधा असर हमारे share market में पड़ता है। जो के market को मंदी की तरफ ले चलता है।
Market में Liquidity को कैसे Control किया जाता है?
Market में बहुत बार जरुरत के हिसाब से Liquidity को बढ़ाया और घटाया जाता है, और ये Liquidity को पूरा manage करता है RBI.
Liquidity को कैसे बढ़ाया जाता है?
अगर कखि Market में Liquidity की crisis होती है तो RBI Monetary policy के जरिये उसे balance करने की कौशिश करती है. जैसे Interest rate को घटाना और SLR को कम करना. और interest rate कम होने पर customer bank से ज्यादा से ज्यादा loan लती है. और market में ज्यादा पैसा आने के कारण धीरे धीरे बढ़ने Liquidity लगती है। जिसके कारण से market की situation अच्छी होती है, और साथ ही साथ share market भी अच्छा करने लगता है।
Liquidity को कैसे घटाया जाता है?
जैसे आपको पता होगा की कोईभी चीज़ जरुरत से ज्यादा या कम दोनोही अच्छा नहीं होता है. इसी लिए अगर कभी Market में Liquidity जरुरत से ज्यादा हो जाती है तो उसे control करनेके लिए RBI bank interest rate के कुछ परिबर्तन लती है. जैसे interest rate को बढ़ाना, SLR को बरना, और भी बहुत कुछ।
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