भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर (T Rabi Sankar) ने क्रिप्टोकरेंसी पर बड़ी बात कही है। डिप्टी गवर्नर ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना शायद भारत के लिए सबसे उचित विकल्प है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी किसी पोंजी स्कीम से भी बदतर हो सकती है। शंकर ने यह बात इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (Indian Banks Association) के 17वें वार्षिक बैंकिंग प्रौद्योगिकी सम्मेलन और पुरस्कार कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कही। शंकर ने कहा – हमने उन तर्कों की जांच की है, जो वकालत करते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित किया जाना चाहिए और हमने पाया कि उनमें से कोई भी बुनियादी जांच के लिए खड़ा नहीं है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी की राह मुश्किल होती जा रही है। आम बजट में क्रिप्टो पर टैक्स लगाने का ऐलान किया गया तो अब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने निवेशकों को अलर्ट किया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हम क्रिप्टोकरेंसी के पहले के स्टैंड पर आज भी बरकरार हैं। ये इकोनॉमी के लिए बेहद खतरनाक है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, पहले मैंने ये कहा था कि निवेशक अपना फैसला खुद करें लेकिन निवेशकों को अपने दिमाग में ये बात रखनी होगी कि जो भी निवेश कर रहे हैं, वो उनकी जिम्मेदारी है। इसको लेकर आरबीआई की ओर से किसी तरह का नियम नहीं बनाया गया है।
डिजिटल करेंसी पर क्या कहा:
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर ने कहा कि हम करीब डेढ़ साल से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency ) पर काम कर रहे हैं। इस बार के बजट में प्रस्ताव है कि डिजिटल करेंसी के लिए आरबीआई एक्ट में बदलाव किया जाएगा। इस बदलाव के बाद हम आगे बढ़ सकते हैं। ये कब तक लॉन्च होगा, इस सवाल के जवाब में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम कोई टाइमलाइन नहीं देना चाहते हैं। हम जल्दाबाजी में नहीं हैं, इसे पूरी तरह से सुरक्षित और सावधानी से इसे लॉन्च करेंगे। वहीं, डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर ने बताया कि सरकार इस करेंसी के लिए किसी बाहरी एजेंसी की मदद नहीं ले रही है।
आइए जानते हैं इनके बारे में:
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