Stablecoins: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पिछले कुछ समय में लोगों के बीच निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प बनकर सामने आया है. बड़ी संख्या में लोग खासतौर पर युवा क्रिप्टोकरेंसी में अपना पैसा लगा रहे हैं. हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले इससे जुड़ी कुछ अहम बातों को जान लेना जरूरी हो जाती है। Stablecoins इन दिनों जबरदस्त चर्चा में है। क्रिप्टोकरेंसी के उतारचढ़ाल के बीच आखिर Stablecoins क्या है जिसके बारे में सब बात कर रहे हैं। Stablecoins पर न सिर्फ निवेशकों बल्कि टॉप रेगुलेटर्स की भी नजर है। आइए जानते हैं स्टेबलक्वॉइन्स (Stablecoins) क्या हैं?
स्टेबलक्वॉइन्स (Stablecoins) क्या हैं?
स्टेबलक्वॉइन्स(Stablecoins ) डिजिटल करेंसी होती हैं, जिन्हें एसेट्स जैसे fiat करेंसी, दूसरी क्रिप्टोकरेंसी या सोने का समर्थन होता है। स्टेबल एसेट्स की मदद से इन कॉइन में ज्यादा उथल-पुथल नहीं होती है और इनकी कीमतें स्थिर रहती हैं। यह बिल्कुल किसी ट्रेडिशनल करेंसी की तरह है, जैसे डॉलर या रुपया। कुछ स्टेबलक्वॉइन अपनी वैल्यू को बनाये रखने के लिए कंप्यूटर एलगोरिदम का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे तो कई Stablecoins हैं लेकिन इसमें सबसे लोकप्रिय Tether है। आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में काफी उतारचढ़ाव होता है जबकि मार्केट वैल्यू के हिसाब से Tether (टीथर) दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है इसमें बहुत कम उतारचढ़ाव देखा जाता है जिस वजा से इससे स्टेबल कॉइन से जाना जाता है।
स्टेबलक्वॉइन्स कैसे काम करते हैं?
स्टेबलक्वॉइन्स का फायदा है कि इन्हें इस तरह बनाया जाता है कि इन पर दूसरी क्रिप्टोकरेंसी की तरह उतार-चढ़ाव का असर नहीं हो. इसके अलावा यह मोबिलिटी ऑफर करते हैं. यह ज्यादा स्थिर क्रिप्टोकरेंसी है, जो डिसेंट्रलाइज्ड है. इसका मतलब है कि यह किसी सेंट्रलाइज्ड सिस्टम या एजेंसी से नहीं जुड़े हैं. इससे इन्हें स्वतंत्रता मिलती है.
- इन कॉइन में अस्थिरता कम होती है।
- Stablecoins का मूल्य दुनिया भर में आसानी से भेजा जा सकता है।
- स्थिर मुद्रा निवेश पर ब्याज अर्जित करने के आसान तरीके हैं।
- Stablecoins से आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रांसेक्शन कर सकते है।
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